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IIT वाले बाबा ने महाकुंभ छोड़ा:कहां गए, किसी को पता नहीं; माता-पिता ढूंढते हुए प्रयागराज पहुंचे प्रयागराज महाकुंभ से चर्चा में आए IIT वाले बाबा अभय सिंह ने आश्रम छोड़ दिया है। कहां गए? यह किसी को नहीं पता। गुरुवार रात उन्हें तलाशते हुए उनके माता-पिता भी जूना अखाड़े के 16 मड़ी आश्रम पहुंचे, लेकिन तब तक वो जा चुके थे। IITian बाबा हरियाणा के झज्जर के रहने वाले अभय हैं। अभय ने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की। उन्हें हर महीने 3 लाख रुपए सैलरी मिलती थी अभय ने कहा था मेरा काम परिवार को पसंद नही
IIT वाले बाबा ने महाकुंभ छोड़ा: माता-पिता पहुंचे, लेकिन बाबा का कहीं पता नहीं
प्रयागराज महाकुंभ में चर्चा का केंद्र बने "IIT वाले बाबा" अभय सिंह अचानक आश्रम छोड़कर चले गए हैं। उनकी रहस्यमयी अनुपस्थिति ने सभी को चौंका दिया है। गुरुवार रात उनके माता-पिता, जो हरियाणा के झज्जर से आए थे, जूना अखाड़े के 16 मड़ी आश्रम में अपने बेटे को ढूंढने पहुंचे, लेकिन तब तक अभय वहां से जा चुके थे।
कौन हैं IIT वाले बाबा?
अभय सिंह हरियाणा के झज्जर के निवासी हैं और उन्होंने प्रतिष्ठित IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। एक होनहार इंजीनियर के रूप में उन्हें हर महीने 3 लाख रुपए की सैलरी मिलती थी। हालांकि, उन्होंने यह सब छोड़कर साधु जीवन को अपनाने का फैसला किया।
अभय ने अपने फैसले के बारे में कहा था कि उनका यह कदम परिवार को पसंद नहीं आया। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में चमकदार करियर को छोड़ने और आध्यात्मिक जीवन में कदम रखने का निर्णय अभय के लिए आत्मिक संतोष का विषय था।
महाकुंभ में चर्चा का विषय बने
महाकुंभ के दौरान अभय सिंह "IIT वाले बाबा" के नाम से प्रसिद्ध हो गए थे। युवा, शिक्षित और आधुनिक पृष्ठभूमि वाले अभय ने न केवल श्रद्धालुओं बल्कि मीडिया का भी ध्यान आकर्षित किया। वह धार्मिकता और विज्ञान का अनोखा मिश्रण प्रस्तुत करते थे।
माता-पिता की चिंता
अभय के माता-पिता उनके अचानक चले जाने से बेहद चिंतित हैं। उन्होंने प्रयागराज में कई स्थानों पर अपने बेटे को खोजने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अभय का जाना उनके परिवार और महाकुंभ में मौजूद लोगों के लिए एक रहस्य बन गया है।
अभय का संदेश
महाकुंभ में अभय ने कहा था, “साधारण जीवन ही असली सुख है। मुझे यहां आकर शांति मिली है, जो मैं अपनी पुरानी जिंदगी में नहीं पा सका।”
अब सवाल यह उठता है कि अभय सिंह कहां गए हैं? उनके आध्यात्मिक सफर का अगला पड़ाव क्या होगा? यह जानने के लिए उनके अनुयायी और परिवार सभी प्रतीक्षारत हैं।
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