रविवार, 22 सितंबर 2024

Shardiya Navratri 2024 Date: शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इन दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है। जानें सही तिथि सब कुछ isabkuchh

Shardiya Navratri 2024 Date: शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इन दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है। जानें सही तिथि सब कुछ isabkuchh 


शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। हर वर्ष यह पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। 2024 में शारदीय नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर से हो रहा है और इसका समापन 12 अक्टूबर को होगा। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे शक्ति और नारी सम्मान का प्रतीक भी माना जाता है। 


शारदीय नवरात्रि का महत्व

शारदीय नवरात्रि को देवी दुर्गा की पूजा का प्रमुख समय माना जाता है। यह पर्व भगवान राम द्वारा रावण पर विजय प्राप्त करने से पहले देवी दुर्गा की आराधना के साथ भी जुड़ा हुआ है। इस समय लोग नौ दिन तक व्रत रखकर मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हैं। ये नौ रूप हैं: 



1. मां शैलपुत्री       – पहले दिन देवी के इस रूप की पूजा की जाती है।
2. मां ब्रह्मचारिणी – दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी देवी की आराधना होती है।
3. मां चंद्रघंटा       – तीसरे दिन चंद्रघंटा रूप की पूजा होती है।
4. मां कूष्मांडा     – चौथे दिन कूष्मांडा देवी की पूजा होती है।
5. मां स्कंदमाता  – पांचवें दिन स्कंदमाता की आराधना की जाती है।
6. मां कात्यायनी – छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है।
7. मां कालरात्रि  – सातवें दिन देवी कालरात्रि की आराधना होती है।
8. मां महागौरी    – आठवें दिन महागौरी देवी की पूजा की जाती है।
9. मां सिद्धिदात्री  – नौवें दिन सिद्धिदात्री देवी की आराधना होती है।

धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से शारदीय नवरात्रि का महत्व

शारदीय नवरात्रि को देवी दुर्गा की शक्ति की आराधना के रूप में देखा जाता है। मान्यता है कि इस समय मां दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों की सभी परेशानियों को दूर करती हैं। जो लोग श्रद्धा और भक्ति से मां की पूजा करते हैं, उन्हें शक्ति, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। यह समय आत्म-शुद्धि और आध्यात्मिक जागरण का होता है।

नवरात्रि के दौरान विशेष अनुष्ठान

नवरात्रि के समय देवी के भक्त उपवास रखते हैं, देवी मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं और घरों में दुर्गा सप्तशती, चंडी पाठ और अन्य धार्मिक ग्रंथों का पाठ करते हैं। नौ दिनों तक कलश स्थापना की जाती है और अखंड ज्योति जलाकर मां का ध्यान किया जाता है। कन्या पूजन भी नवरात्रि के दौरान विशेष महत्व रखता है, जिसे अष्टमी और नवमी के दिन किया जाता है।

शारदीय नवरात्रि 2024 की तिथियां


- प्रथम दिन (कलश स्थापना) - 3 अक्टूबर 2024

- महाअष्टमी- 11 अक्टूबर 2024

- महानवमी- 12 अक्टूबर 2024

- दशहरा/विजयदशमी- 13 अक्टूबर 2024

नवरात्रि के लिए तैयारी

नवरात्रि की पूजा विधि बहुत ही विशेष होती है। इसमें कलश स्थापना से लेकर देवी के नौ रूपों की पूजा का विशेष विधान होता है। पूजा स्थल को साफ-सुथरा बनाकर, देवी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करना चाहिए। पूजा के दौरान दुर्गा सप्तशती या देवी के अन्य स्तोत्रों का पाठ करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

निष्कर्ष

शारदीय नवरात्रि का पर्व न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आत्मशुद्धि, अनुशासन और भक्ति का पर्व है। 2024 में यह पर्व 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना कर, शक्ति और सिद्धि प्राप्त की जा सकती है।

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