सोमवार, 22 अप्रैल 2024

Hanuman Jayanti Puja with the Chanting of 108 Names हनुमान जयंती पर 108 नामों के जाप से करें पूजा की शुरुआत, दूर होंगे सभी संकट, सिद्ध होंगी मनोकामनाएँ

Hanuman Jayanti Puja with the Chanting of 108 Names हनुमान जयंती पर 108 नामों के जाप से करें पूजा की शुरुआत, दूर होंगे सभी संकट, सिद्ध होंगी मनोकामनाएँ 


हनुमान जयंती हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे पूरे भारतवर्ष में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह वह दिवस है जब भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। भगवान हनुमान को अद्भुत शक्ति, निष्ठा, और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। वे श्री राम के परम भक्त हैं और संकटमोचन के नाम से भी विख्यात हैं, जो अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं। 


हनुमान जयंती के पावन अवसर पर, भक्तजन विशेष रूप से 108 नामों की जप के साथ पूजा की शुरुआत करते हैं, जिससे उनके जीवन से सारे संकट टल जाते हैं और मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। यहाँ इस प्रक्रिया और इसके महत्व की चर्चा की गई है।


#### 108 नाम जप का महत्व

हनुमानजी के 108 नामों का जप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। प्रत्येक नाम उनके विभिन्न दिव्य गुणों और शक्तियों का प्रतीक है। जप करने से भक्तों का मन एकाग्र होता है और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे उन्हें आंतरिक शांति और संकटों से मुक्ति मिलती है।

हनुमान जी के 108 नाम 

1. हनुमान

2. आञ्जनेय

3. मारुति

4. बजरंगबली

5. महावीर

6. पवनपुत्र

7. तारक

8. संकटमोचन

9. अंजनीसुत

10. केसरीनंदन

11. रामदूत

12. प्रभु चरित्र के सुनिवेश

13. सीता शोक विनाशक

14. अष्टसिद्धि

15. नवनिधि

16. बुद्धिमान

17. बालब्रह्मचारी

18. कुमारब्रह्मचारी

19. रत्नकुंडल

20. चिरञ्जीवी

21. रामेष्ठ

22. प्राणदाता

23. सर्वमन्य

24. भक्तवत्सल

25. प्राणदेव

26. दैत्यकार्यविध्वंसक

27. अखंड ब्रह्मचारी

28. सर्व रोग हर्ता

29. बल

30. शौर्य

31. विद्यावान

32. श्रीराम जानकी

33. लक्ष्मण प्राणदाता

34. दशग्रीव दर्पहा

35. अक्षहंत्रे

36. रत्नकुंडलाय

37. विभीषण प्रियकर

38. दशबाहुवे

39. लोकपुज्य

40. जामवंतप्रीतिवर्धन

41. सुग्रीवाश्रित

42. स्वामिभक्त

43. सर्वदुःखहर

44. सर्वलोकचर

45. मनोजव

46. पारिजातद्रुमूलस्थ

47. सर्वमायाविभंजन

48. सर्वबंधविमोचन

49. रक्षोविध्वंसकारक

50. पर्वतारोहण

51. दशबाहुवे

52. लंकिनीभंजन

53. सर्वग्रहविनाशी

54. सर्वदेवाधिदेव

55. सर्वग्रहपति

56. अग्निगर्वच्छिद

57. अमृतापद

58. अदितिपुत्र

59. रुद्रवीर

60. इन्द्रजित्प्रहित

61. अंजनागर्भसंभूत

62. कपीश्वर

63. रामकथालोलुप

64. रामनामधर

65. विभीषणपरित्रात

66. हरिमर्कट

67. शिवास्य

68. अर्जुनाम्ब

69. कपिध्वज

70. भीमरूप

71. यमदूत

72. वज्रदेह

73. ब्रह्मचारिण

74. महातपस्वी

75. नक्षत्रमालाधारक

76. चतुर्वेदस्वरूपी

77. अष्टमुख

78. रामार्चित

79. सबरीप्रिय

80. अशोकवाटिकाशोभित

81. छिन्नमस्ता

82. रामचूड़ामणि प्रदायक

83. सीताशोकनिवारण

84. नागबल्लीधर

85. कुमारब्रह्मचारी

86. विद्युददेह

87. सुमेरुमंदिरस्थ

88. लंकिनीबंजन

89. गन्धमादनशैलस्थ

90. लंकापुरविदाहक

91. सर्वयज्ञध्वंसक

92. सर्वपापहर

93. चित्रकूटसमाश्रय

94. अक्षहन्त्रे

95. रामसागरलंघन

96. परायणव्रत

97. वानर

98. केसरीपुत्र

99. सीतासंदेशवाहक

100. अष्टमुख

101. नवनिधि

102. दसदिग्गज

103. अष्टसिद्धिदाता

104. हनुमान्त

105. शौर्य

106. वज्रांग

107. प्रतापी

108. शिवतुल्यबली


#### पूजा विधि

हनुमान जयंती के दिन, भक्तजन सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और पवित्र वस्त्र धारण करते हैं। इसके बाद, हनुमानजी की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके, चंदन, सिंदूर, पुष्प, धूप आदि से पूजन किया जाता है। पूजा की शुरुआत में 108 नामों की जप की जाती है, जिसे विधिवत रूप से करने पर यह माना जाता है कि यह सभी प्रकार के संकटों को दूर करने और मनोकामना की पूर्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली होता है। 

इस प्रकार, हनुमान जयंती पर 108 नामों की जप के माध्यम से पूजा करना न केवल आपके दैनिक जीवन में सुख-शांति लाता है, बल्कि आपकी आध्यात्मिक यात्रा को भी और अधिक सार्थक बनाता है।



(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। सब कुछ इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)  

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