Tommy Genesis's 'True Blue' Video: Accused of Hurting Religious Sentiments टॉमी जेनेसिस का 'True Blue' वीडियो: धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
24 जून 2025, रात के 8 बजे। सोशल मीडिया पर एक बार फिर हलचल मची हुई है। इस बार वजह है कनाडाई रैपर टॉमी जेनेसिस का हाल ही में रिलीज हुआ म्यूजिक वीडियो 'True Blue'। इस वीडियो ने हिंदू और ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप झेलते हुए जबरदस्त विवाद खड़ा कर दिया है। लोग इसे न सिर्फ कला का अपमान बता रहे हैं, बल्कि इसे "संस्कृति का गलत इस्तेमाल" भी करार दे रहे हैं। आइए, इस पूरे मामले की गहराई में जाते हैं।
वीडियो का विवादास्पद कंटेंट
'True Blue' वीडियो में टॉमी जेनेसिस, जिनका असली नाम जेनेसिस यास्मीन मोहनराज है, हिंदू देवी मां काली के रूप में नजर आ रही हैं। नीले बॉडी पेंट, सोने के गहने, लाल बिंदी, और पारंपरिक मेकअप के साथ उनका लुक काफी बोल्ड है। लेकिन विवाद तब शुरू हुआ जब उन्होंने ईसाई क्रॉस को उकसावे भरे और अश्लील अंदाज में इस्तेमाल किया। वीडियो में उन्हें क्रॉस को चाटते और उसे अपने साथ अजीब तरीके से पोज देते देखा गया, जिसने सोशल मीडिया पर आग लगा दी। लोग इसे धार्मिक प्रतीकों का अपमान बता रहे हैं और गुस्से में हैं।
सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा
वीडियो रिलीज होने के तुरंत बाद ट्विटर, इंस्टाग्राम, और यूट्यूब पर तूफान आ गया। एक यूजर ने लिखा, "मां काली को इस तरह दिखाना कला नहीं, बल्कि उनकी पवित्रता का अपमान है।" दूसरे ने कहा, "क्रॉस के साथ ये हरकतें? ये तो जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश है।" कई लोगों ने इसे "क्लिकबेट" और "सस्ता स्टंट" करार दिया, जिसमें टॉमी सिर्फ सुर्खियां बटोरने की कोशिश कर रही हैं।
रफ्तार का कड़ा रुख
इस विवाद में भारतीय रैपर रफ्तार ने भी अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो की एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, "यह मेरे धर्म का मजाक है।" उन्होंने अपने फैंस से अपील की कि वे इस वीडियो को यूट्यूब पर रिपोर्ट करें, ताकि इसे हटाया जा सके। रफ्तार का यह कदम सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और उनके फैंस ने भी उनके समर्थन में वीडियो को रिपोर्ट करना शुरू कर दिया।
टॉमी का बैकग्राउंड और स्टाइल
टॉमी जेनेसिस का जन्म कनाडा में हुआ, लेकिन उनके पिता तमिल-मलयाली ईसाई हैं, जो भारत से कनाडा शिफ्ट हुए थे। उनकी मां स्वीडिश मूल की हैं। टॉमी अपनी बोल्ड और बाउंड्री-तोड़ने वाली म्यूजिक के लिए जानी जाती हैं। उन्हें अंडरग्राउंड रैप सीन में "इंटरनेट की सबसे बागी रैप क्वीन" कहा जाता है। लेकिन इस बार उनका यह प्रयोग उनके लिए मुसीबत बन गया है। उनका कहना है कि वे अपनी कला के जरिए नई चीजें एक्सप्लोर करती हैं, लेकिन इस बार उनकी यह आजादी लोगों को नागवार गुजरी।
क्या यह कला है या अपमान?
सवाल यह उठता है कि क्या टॉमी का यह वीडियो कला का हिस्सा है या फिर धार्मिक प्रतीकों का गलत इस्तेमाल? कई लोग इसे आर्टिस्टिक फ्रीडम कह रहे हैं, लेकिन ज्यादातर का मानना है कि किसी की आस्था के साथ खेलना कला नहीं हो सकता। एक यूजर ने लिखा, "हमारी संस्कृति को उनके लिए फैशन स्टंट नहीं बनाया जा सकता।" दूसरी ओर, कुछ लोग इसे वेस्टर्न कल्चर की एक नई प्रवृत्ति बता रहे हैं, जहां धार्मिक प्रतीकों को विवाद के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
आगे क्या?
टॉमी जेनेसिस ने अभी तक इस आलोचना पर कोई जवाब नहीं दिया है। लेकिन सोशल मीडिया पर लोग लगातार वीडियो को रिपोर्ट कर रहे हैं, और इसे हटाने की मांग तेज हो गई है। यह विवाद न सिर्फ टॉमी की छवि को प्रभावित कर रहा है, बल्कि धार्मिक संवेदनशीलता और कला की सीमाओं पर भी बहस छेड़ रहा है। क्या यह वीडियो हटेगा या टॉमी अपनी बात रखेंगी, यह देखना अभी बाकी है। लेकिन एक बात तय है—यह मुद्दा जल्दी शांत होने वाला नहीं है।