बुधवार, 29 जनवरी 2025

Maha Kumbh Stampede: Heart-Wrenching Scenes of Chaos and Despair

The Maha Kumbh Mela, known as the world’s largest religious gathering, witnessed a tragic turn when a stampede broke out, leaving behind distressing images of sorrow and helplessness. The chaos that ensued transformed an atmosphere of devotion into one of fear and panic.


Scenes of Suffering and Despair

The aftermath of the stampede has been captured in several photographs, each telling a story of its own. In one, a man with folded hands appears to be pleading—perhaps in gratitude for survival or in mourning for a lost loved one. In another, an elderly woman sits on the ground, her face filled with sadness and shock.


Several devotees, who had come in search of spiritual solace, were left traumatized by the sudden disaster. The narrow lanes near the bathing ghats were filled with scattered belongings—abandoned slippers, torn scarves, and overturned baskets—silent witnesses to the chaos that unfolded.


What Led to the Stampede?

While the exact cause of the stampede is still under investigation, overcrowding, lack of proper crowd control, and sudden panic among devotees are believed to be the primary reasons. The sheer number of pilgrims, sometimes running into millions, makes managing such events a massive challenge for authorities.


Eyewitnesses describe a scene where a surge in the crowd led to people tripping and falling over one another. The lack of immediate response from security forces only worsened the situation.


A Call for Better Management

The Maha Kumbh is an event of immense religious and cultural significance, attracting devotees from all over the world. However, incidents like these highlight the urgent need for better crowd management, stronger safety protocols, and increased medical support at such large gatherings.


Authorities must learn from these unfortunate events and take necessary measures to prevent such tragedies in the future. While faith and devotion bring millions together, safety should never be compromised.


The haunting images from the Maha Kumbh Stampede serve as a grim reminder of the risks involved in massive religious congregations. It is now upon the administration and devotees alike to ensure that such tragedies are not repeated, and that the spirit of faith is upheld without fear.

बुधवार, 22 जनवरी 2025

Viral Mahakumbh Girl Molalisa खूबसूरती ने ठप कर दिया बिजनेस! महाकुंभ में वायरल हुई मोनालिसा अब वापस आना चाहती है घर

Viral Mahakumbh Girl Molalisa खूबसूरती ने ठप कर दिया बिजनेस! महाकुंभ में वायरल हुई मोनालिसा अब वापस आना चाहती है घर


Viral Mahakumbh Girl Molalisa: महाकुंभ में वायरल हुई खूबसूरत लड़की मोनालिसा को तो लगभग हर कोई जानता है. लेकिन अब यही खबूसूरती मोनालिसा के लिए परे

खूबसूरती ने ठप कर दिया बिजनेस! महाकुंभ में वायरल मोनालिसा अब वापस आना चाहती हैं घर

महाकुंभ में हर बार कुछ न कुछ खास देखने को मिलता है, लेकिन इस बार एक खूबसूरत लड़की मोनालिसा ने अपने अंदाज और व्यक्तित्व से सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। महाकुंभ में आईं मोनालिसा इतनी वायरल हुईं कि उन्हें महाकुंभ की "वायरल गर्ल" तक कहा जाने लगा। उनकी तस्वीरें और वीडियो तेजी से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर छा गए।



मोनालिसा की वायरल कहानी

मोनालिसा महाकुंभ में अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर थीं, लेकिन उनकी खूबसूरती और सरलता ने हर किसी का ध्यान खींच लिया। लोग उनकी तस्वीरें क्लिक करने लगे और वीडियो रिकॉर्ड करके शेयर करने लगे। देखते ही देखते मोनालिसा इंटरनेट सेंसेशन बन गईं। उनकी चर्चा केवल महाकुंभ तक सीमित नहीं रही, बल्कि देशभर में फैल गई।

खूबसूरती बनी समस्या का कारण

हालांकि, उनकी प्रसिद्धि ने उन्हें जहां एक तरफ पहचान दिलाई, वहीं दूसरी ओर यह उनकी निजी जिंदगी और परिवार के लिए समस्या बन गई। मोनालिसा के दादा ने बताया कि उनकी खूबसूरती और अचानक मिली लोकप्रियता ने उनके पारिवारिक व्यवसाय को नुकसान पहुंचाया। उनके घरवालों को यह चिंता सताने लगी कि इस तरह की चर्चा और भीड़ उनके परिवार के लिए मुसीबत बन सकती है।



वापस आना चाहती हैं घर

मोनालिसा अब इस पूरे घटनाक्रम से परेशान होकर घर लौटने की इच्छा जता रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इतना ध्यान आकर्षित करना कभी पसंद नहीं था और यह उनके लिए अप्रत्याशित था। उनके परिवार का कहना है कि मोनालिसा एक साधारण और शांत जीवन जीना चाहती हैं, और इस वायरल चर्चा ने उनकी मानसिक शांति को प्रभावित किया है।

दादा का छलका दर्द

मोनालिसा के दादा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी खूबसूरती और लोकप्रियता उनके लिए गर्व की बात है, लेकिन परिवार के लिए यह समस्या बन गई है। उन्होंने अपील की है कि मोनालिसा को एक सामान्य जीवन जीने दिया जाए और इस वायरल प्रसिद्धि को भुला दिया जाए।

सोशल मीडिया की शक्ति और असर

यह घटना यह बताती है कि सोशल मीडिया की शक्ति कितनी प्रभावशाली हो सकती है। लेकिन इसका असर हर किसी के लिए सकारात्मक नहीं होता। मोनालिसा की कहानी इस बात की याद दिलाती है कि प्रसिद्धि कई बार लोगों की निजी जिंदगी को प्रभावित कर सकती है।

अब मोनालिसा और उनका परिवार उम्मीद कर रहा है कि समय के साथ यह चर्चा शांत होगी और वह अपने घर लौटकर एक सामान्य जिंदगी जी सकेंगी।


रविवार, 19 जनवरी 2025

महांकुभ मेले में लगी आग देखकर सन्न रह गए

 ट्रेन की खिड़की से महांकुभ मेले में लगी आग देखकर सन्न रह गए यात्री, वीडियो आया सामने 



प्रयागराज में महाकुंभ मेले के सेक्टर 19 शिविर क्षेत्र में दो से तीन गैस सिलेंडर फटने के बाद भीषण आग लग गई. अधिकारियों के मुताबिक, आग लगते ही मेले में अफरा-तफरी मच गई. ये आग शास्त्री ब्रिज के सेक्टर 19 में लगी.

आग की घटना में कोई हताहत नहीं एनडीआरएफ के कर्मी आग पर काबू पाने के लिए पानी की जगह बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है. आग की लपटें देख रहे थे, तो घबराकर  'राम, राम!' चिल्लाने लगे 

महाकुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. 




शनिवार, 18 जनवरी 2025

lifestyle news story lose weight ठंड के मौसम में खाते-पीते हुए घटाएं वजन, ये छोटे-छोटे तरीके आएंगे काम

lifestyle news story lose weight ठंड के मौसम में खाते-पीते हुए घटाएं वजन, ये छोटे-छोटे तरीके आएंगे काम


ठंड के मौसम में अक्सर लोगों को वजन बढ़ने की दिक्कत होने लगती है. फिजिकल एक्टिविट..में कमी और खानपान में लापरवाही भी इसका एक बड़ा कारण है. अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं  जो आपको वजन कंट्रोल करने में काफी मददगार हो सकते हैं. घर में एक्सरसाइज करें पोर्शन कंट्रोल करें पानी का इनटेक बढ़ाएं जिससे आप सर्दियों में एक्टिव रह सकते हैं. 

ठंड के मौसम में खाते-पीते वजन घटाएं: ये आसान तरीके आपकी मदद करेंगे


सर्दियों का मौसम अपने साथ आरामदायक दिनों और लज़ीज़ खाने का मौका लेकर आता है। लेकिन इस मौसम में फिजिकल एक्टिविटी कम होने और खानपान की लापरवाही से वजन बढ़ने की समस्या भी आम हो जाती है। अगर आप भी इस चुनौती का सामना कर रहे हैं, तो चिंता की बात नहीं। यहां हम कुछ ऐसे आसान और प्रभावी उपाय बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप सर्दियों में वजन घटा सकते हैं, वो भी बिना किसी कड़े डाइट प्लान के।


1. घर पर एक्सरसाइज करें

सर्दियों में बाहर निकलकर एक्सरसाइज करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप फिजिकल एक्टिविटी छोड़ दें। घर पर रहकर योग, स्क्वाट्स, पुश-अप्स, और जंपिंग जैक्स जैसी आसान एक्सरसाइज करें। रोजाना 20-30 मिनट की एक्सरसाइज न केवल आपको फिट रखेगी, बल्कि वजन घटाने में भी मदद करेगी।



2. पोर्शन कंट्रोल का ध्यान रखें

ठंड में अधिक खाने की आदत हो जाती है, जो वजन बढ़ने का बड़ा कारण बनता है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने खाने के हिस्सों को नियंत्रित करें। हर बार छोटी प्लेट में भोजन करें और धीरे-धीरे खाएं। इससे आप ओवरईटिंग से बचेंगे और कैलोरी इंटेक को कम कर पाएंगे।


3. पानी का सेवन बढ़ाएं

ठंड में पानी पीने की इच्छा कम हो जाती है, लेकिन यह वजन घटाने के लिए बेहद जरूरी है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और शरीर में फैट बर्निंग प्रोसेस तेज होती है। दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।



4. हेल्दी स्नैक्स का चुनाव करें

सर्दियों में स्नैक्स खाना हर किसी को पसंद होता है। तली-भुनी चीजों की जगह हेल्दी ऑप्शन जैसे ड्राई फ्रूट्स, मखाना, भुना हुआ चना, और फलों का सेवन करें। ये न केवल वजन घटाने में मदद करेंगे, बल्कि आपकी एनर्जी लेवल को भी बनाए रखेंगे।


5. अधिक फाइबर युक्त भोजन करें

फाइबर युक्त भोजन जैसे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज को अपने डाइट में शामिल करें। ये पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखते हैं और अनहेल्दी स्नैकिंग से बचाते हैं।


6. सर्दियों में एक्टिव रहने की आदत डालें

सर्दियों में अक्सर लोग कंबल में बैठे रहना पसंद करते हैं, लेकिन यह वजन बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण है। थोड़ी-थोड़ी देर में घर में चलें-फिरें, सीढ़ियां चढ़ें, या कोई छोटा-सा काम करें। इससे आपका शरीर एक्टिव रहेगा और वजन नियंत्रित रहेगा।


7. सूप और जूस को शामिल करें

ठंड के मौसम में गर्म सूप पीना न केवल आपको आरामदायक महसूस कराता है, बल्कि वजन घटाने में भी मदद करता है। ताजी सब्जियों से बने सूप को अपने डाइट में शामिल करें। साथ ही, जूस पीने की बजाय फलों को खाएं, क्योंकि फलों में अधिक फाइबर होता है।


निष्कर्ष

सर्दियों में वजन घटाना मुश्किल नहीं है, बस सही आदतों को अपनाना जरूरी है। नियमित एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट, और पानी का पर्याप्त सेवन आपके वजन को कंट्रोल में रख सकते हैं। इन छोटे-छोटे उपायों को अपनाकर आप सर्दियों में भी फिट और एक्टिव रह सकते हैं।


शुक्रवार, 17 जनवरी 2025

trending mahakumbh viral sadhvi harsha richhariya राखी सावंत की सेकेंड हैंड बहन! महाकुंभ की खूबसूरत साध्वी हर्षा रिछारिया पर ऐसे कमेंट्स क्यों कर रहे यूजर्स?

trending mahakumbh viral sadhvi harsha richhariya राखी सावंत की सेकेंड हैंड बहन! महाकुंभ की खूबसूरत साध्वी हर्षा रिछारिया पर ऐसे कमेंट्स क्यों कर रहे यूजर्स?



राखी सावंत की सेकेंड हैंड बहन! महाकुंभ की खूबसूरत साध्वी हर्षा रिछारिया पर ऐसे कमेंट्स क्यों कर रहे यूजर्स?

महाकुंभ में एक साध्वी खूब वायरल हुई हैं. इनका नाम साध्वी हर्षा रिछारिया है, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं. यहां तक कि उन्हें महाकुंभ की सबसे खूबसूरत साध्वी का खिताब भी दे दिया गया है. 

राखी सावंत की ‘सेकेंड हैंड बहन’! महाकुंभ में साध्वी हर्षा रिछारिया पर क्यों हो रहे हैं ऐसे कमेंट्स?

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में साध्वी हर्षा रिछारिया ने सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोरी हैं। उन्हें "महाकुंभ की सबसे खूबसूरत साध्वी" का खिताब भी मिल चुका है। लेकिन इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर उनके बारे में कई तरह की टिप्पणियां और आलोचनात्मक टिप्पणियां भी देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग उन्हें “राखी सावंत की सेकेंड हैंड बहन” कहकर ट्रोल कर रहे हैं।


कौन हैं साध्वी हर्षा रिछारिया?

साध्वी हर्षा रिछारिया एक युवा और आकर्षक व्यक्तित्व की साध्वी हैं, जो महाकुंभ में अपने आध्यात्मिक संदेश और सादगी के बावजूद अपनी खूबसूरती के कारण चर्चा में हैं। साध्वी बनने से पहले, उनका जीवन कैसा था, इस पर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। हालांकि, उनका वर्तमान जीवन पूरी तरह से धर्म और अध्यात्म के प्रति समर्पित है।


सोशल मीडिया पर क्यों वायरल हो रहीं हैं हर्षा रिछारिया?

महाकुंभ जैसे आध्यात्मिक आयोजन में साध्वी हर्षा का आकर्षक व्यक्तित्व और उनके परिधान लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। लोग उनकी तुलना फिल्मी अभिनेत्रियों और ग्लैमरस हस्तियों से करने लगे हैं।


ट्रोलिंग और आलोचना

जहां एक ओर लोग उनकी खूबसूरती की तारीफ कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, कुछ यूजर्स सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। कुछ लोग उनके साध्वी होने पर सवाल उठाते हुए लिख रहे हैं, "यह साध्वी हैं या किसी बॉलीवुड फिल्म की स्टार?" वहीं, "राखी सावंत की सेकेंड हैंड बहन" जैसे कमेंट्स उनकी छवि को निशाना बना रहे हैं।


लोगों का नजरिया और ट्रोलिंग का प्रभाव

यह पहली बार नहीं है कि किसी साध्वी को उनकी खूबसूरती के लिए ट्रोल किया जा रहा है। साध्वी हर्षा रिछारिया के मामले में, यह स्पष्ट है कि उनका आकर्षक व्यक्तित्व और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं तस्वीरें ही इन टिप्पणियों का मुख्य कारण हैं। हालांकि, ट्रोलिंग से उनकी आध्यात्मिक छवि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।


साध्वी हर्षा का संदेश

साध्वी हर्षा ने इन विवादों पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनका पूरा ध्यान धर्म और अध्यात्म के प्रसार पर केंद्रित है।


क्या यह सही है?

सोशल मीडिया पर किसी भी धार्मिक या आध्यात्मिक व्यक्ति की बाहरी छवि को लेकर मजाक उड़ाना या सवाल उठाना उचित नहीं है। साध्वी हर्षा रिछारिया जैसे लोग धर्म और अध्यात्म का प्रचार-प्रसार करते हैं। उनकी छवि का उपयोग ट्रोलिंग के लिए करना, न केवल अनुचित है, बल्कि उनकी मेहनत और विश्वास का भी अनादर है।


महाकुंभ जैसे आयोजन में ऐसे साधु-संतों और साध्वियों का योगदान काफी महत्वपूर्ण है। उनके व्यक्तित्व से ज्यादा उनके विचार और संदेश पर ध्यान देना चाहिए।





iit baba abhay singh ashram update father mother mahakumbh mela IIT वाले बाबा ने महाकुंभ छोड़ा:कहां गए, किसी को पता नहीं

iit baba abhay singh ashram update father mother mahakumbh mela IIT वाले बाबा ने महाकुंभ छोड़ा:कहां गए, किसी को पता नहीं 

IIT वाले बाबा ने महाकुंभ छोड़ा:कहां गए, किसी को पता नहीं; माता-पिता ढूंढते हुए प्रयागराज पहुंचे प्रयागराज महाकुंभ से चर्चा में आए IIT वाले बाबा अभय सिंह ने आश्रम छोड़ दिया है। कहां गए? यह किसी को नहीं पता। गुरुवार रात उन्हें तलाशते हुए उनके माता-पिता भी जूना अखाड़े के 16 मड़ी आश्रम पहुंचे, लेकिन तब तक वो जा चुके थे। IITian बाबा हरियाणा के झज्जर के रहने वाले अभय  हैं। अभय ने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की। उन्हें हर महीने 3 लाख रुपए सैलरी मिलती थी अभय ने कहा था मेरा काम परिवार को पसंद नही 

IIT वाले बाबा ने महाकुंभ छोड़ा: माता-पिता पहुंचे, लेकिन बाबा का कहीं पता नहीं



प्रयागराज महाकुंभ में चर्चा का केंद्र बने "IIT वाले बाबा" अभय सिंह अचानक आश्रम छोड़कर चले गए हैं। उनकी रहस्यमयी अनुपस्थिति ने सभी को चौंका दिया है। गुरुवार रात उनके माता-पिता, जो हरियाणा के झज्जर से आए थे, जूना अखाड़े के 16 मड़ी आश्रम में अपने बेटे को ढूंढने पहुंचे, लेकिन तब तक अभय वहां से जा चुके थे।


कौन हैं IIT वाले बाबा?

अभय सिंह हरियाणा के झज्जर के निवासी हैं और उन्होंने प्रतिष्ठित IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। एक होनहार इंजीनियर के रूप में उन्हें हर महीने 3 लाख रुपए की सैलरी मिलती थी। हालांकि, उन्होंने यह सब छोड़कर साधु जीवन को अपनाने का फैसला किया।



अभय ने अपने फैसले के बारे में कहा था कि उनका यह कदम परिवार को पसंद नहीं आया। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में चमकदार करियर को छोड़ने और आध्यात्मिक जीवन में कदम रखने का निर्णय अभय के लिए आत्मिक संतोष का विषय था।


महाकुंभ में चर्चा का विषय बने

महाकुंभ के दौरान अभय सिंह "IIT वाले बाबा" के नाम से प्रसिद्ध हो गए थे। युवा, शिक्षित और आधुनिक पृष्ठभूमि वाले अभय ने न केवल श्रद्धालुओं बल्कि मीडिया का भी ध्यान आकर्षित किया। वह धार्मिकता और विज्ञान का अनोखा मिश्रण प्रस्तुत करते थे।


माता-पिता की चिंता

अभय के माता-पिता उनके अचानक चले जाने से बेहद चिंतित हैं। उन्होंने प्रयागराज में कई स्थानों पर अपने बेटे को खोजने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अभय का जाना उनके परिवार और महाकुंभ में मौजूद लोगों के लिए एक रहस्य बन गया है।


अभय का संदेश

महाकुंभ में अभय ने कहा था, “साधारण जीवन ही असली सुख है। मुझे यहां आकर शांति मिली है, जो मैं अपनी पुरानी जिंदगी में नहीं पा सका।”


अब सवाल यह उठता है कि अभय सिंह कहां गए हैं? उनके आध्यात्मिक सफर का अगला पड़ाव क्या होगा? यह जानने के लिए उनके अनुयायी और परिवार सभी प्रतीक्षारत हैं।

गुरुवार, 16 जनवरी 2025

घरेलू मैच जरूरी, पर्सनल स्टाफ पर बैन…टीम में अनुशासन और एकता बनाने के लिए BCCI ने लागू किए ये 10 सख्त नियम

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा था. इसके अलावा टीम में अनबन होने की भी खबरें सामने आई थीं. इसकी वजह से मीडिया में जमकर बवाल हुआ था. अब बीसीसीआई ने इसे लेकर एक रिव्यु मीटिंग की और अनुशासन बढ़ाने के लिए 10 सख्त नियम लेकर आई है.




1. घरेलू खेलना मैच जरूरी


बीसीसीआई ने भारतीय टीम में सेलेक्शन के लिए योग्य होने के लिए घरेलू मुकाबलों में खेलना अनिवार्य कर दिया है. इस गाइडलाइन का मुख्य मकसद है कि सभी खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट के इकोसिस्टम से जुड़े रहें. इससे मैच फिटनेस मेंटेन करने के साथ-साथ नए खिलाड़ियों को देश के टॉप क्रिकेटर्स के साथ मुकाबला करने का मौका मिल सकेगा. इससे छूट पाने के लिए नेशनल टीम के खिलाड़ियों को पहले से सेलेक्सन कमेटी को बताना जरूरी होगा.


2. परिवार के साथ अलग ट्रेवल करने पर रोक


बीसीसीआई ने सभी खिलाड़ियों को मैच से लेकर प्रैक्टिस सेशन तक हर वक्त एक साथ ट्रेवल करना अनिवार्य कर दिया गया है. कोई खास कारण होने पर परिवार के साथ अलग से ट्रेवल करने के लिए हेड कोच, सेलेक्शन कमेटी के चेयरमैन से अनुमति लेनी होगी.


3. सामान पर लिमिट तय


बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के सामान पर भी लिमिट तय कर दी है. सीरीज के दौरान लिमिट से बाहर सामान ले जाने पर उन्हें खुद इसका खर्च उठाना पड़ेगा. बोर्ड के गाइडलाइन के तहत 30 दिन से ज्यादा विदेशी दौरों के लिए खिलाड़ी 5 बैग (3 सूटकेस और 2 किट बैग) या 150 किलो तक वजन ले जा सकते हैं. वहीं सपोर्ट स्टाफ 3 बैग (2 बड़े और एक छोट सूटकेस) या 80 किलो वजन के साथ ट्रेवल कर सकते हैं. 30 दिन से कम का दौरा होने पर 4 बैग (2 सूटकेस और 2 किट बैग) या 120 किलो तक वजन की अनुमति होगी. वहीं सपोर्ट स्टाफ 2 बैग (2 सूटकेस) या 60 किलो तक वजन ले जा सकते हैं. दूसरा नियम घरेलू सीरीज के दौरान भी लागू होगा.


4. पर्सनल स्टाफ पर रोक


अब से कोई भी खिलाड़ी सीरीज के दौरान अपना पर्सनल स्टाफ जैसे- शेफ, पर्सनल मैनेजर, ट्रेनर, सेक्रेटरी या कोई असिस्टेंट लेकर नहीं जा सकता है. इसके लिए उसे पहले बोर्ड से अनुमति लेनी होगी.


5. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अलग से सामान भेजना बेंगलुरु में मौजूद बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में खिलाड़ियों को कोई व्यक्तिगत सामान या उपकरण भेजने के लिए टीम मैनेजमेंट के साथ बातचीत करना होगा. एक्स्ट्रा खर्च आने पर उन्हें खुद इसका पेमेंट करना होगा.


6. जल्दी प्रैक्टिस सेशन छोड़ने पर रोक


बोर्ड ने सख्ती बरतते हुए साफ शब्दों में कह दिया है कि अब से खिलाड़ियों को पूरे प्रैक्टिस सेशन के दौरान साथ रहना होगा और वेन्यू पर साथ में ही ट्रेवल करना होगा. वो समय से पहले ट्रेनिंग छोड़कर नहीं जा सकते हैं.


7. पर्सनल ऐड शूट पर बैन


बीसीसीआई के नए नियमों के मुताबिक खिलाड़ी अब से किसी दौरे पर या सीरीज के दौरान पर्सनल ऐड शूट नहीं कर सकते हैं.


8. परिवार के लिए नियम


अगर टीम किसी विदेशी दौरे पर 45 दिन या उससे ज्यादा वक्त के लिए जाती है तो किसी भी खिलाड़ी की पत्नी, पार्टनर या परिवार उस दौरे पर एक बार सिर्फ 14 दिन तक साथ रह सकते हैं. बीसीसीआई इस दौरान उनके रहने के अलावा कोई भी खर्च नहीं देगी.


9. BCCI के ऑफिशियल एक्टिविटी में रहना अनिवार्य


बोर्ड के ऑफिशियल ऐड शूट, प्रमोशनल एक्टिविटी या किसी फंक्शन में खिलाड़ियों का मौजूद रहना जरूरी है.


10. दौरे के अंत तक टीम के साथ रहना अनिवार्य


इसके अलावा सीरीज या मैच अगर जल्दी खत्म हो जाता है तो वो प्लानिंग के अनुसार ही ट्रेवल करेंगे. समय से पहले टीम को छोड़कर कहीं नहीं जा सकते हैं, उन्हें टीम के साथ ही रहना होगा.

बुधवार, 1 जनवरी 2025

सिडनी टेस्ट से पहले भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया

सिडनी में होने वाले चौथे टेस्ट मैच से पहले भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने टीम की तैयारियों, वर्तमान फॉर्म, और टीम के अंदर के माहौल पर चर्चा की। हालांकि, गंभीर की बातों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि टीम के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है।

Youtube :-  सिडनी टेस्ट से पहले भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया.



गंभीर के बयान ने खड़े किए सवाल

गौतम गंभीर ने अपने बयान में कहा, "हर टीम में चुनौतीपूर्ण समय आता है, और ऐसे में टीम का एकजुट रहना सबसे जरूरी होता है। लेकिन कुछ चीजों पर हमें ध्यान देने की जरूरत है।" उनका यह बयान टीम के अंदर चल रही समस्याओं की ओर इशारा करता है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि समस्या किससे जुड़ी है—खिलाड़ियों की फॉर्म, रणनीति, या टीम के आपसी संबंध।

सीरीज पर एक नजर

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) 2024-25 के तहत पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। फिलहाल, सीरीज 1-1 की बराबरी पर है, और दोनों टीमें चौथे टेस्ट में बढ़त बनाने के लिए पूरी ताकत झोंकने को तैयार हैं।

टीम के प्रदर्शन पर चिंता

भारतीय बल्लेबाजी क्रम इस सीरीज में लगातार संघर्ष कर रहा है। प्रमुख बल्लेबाज रन बनाने में नाकाम रहे हैं, जिससे टीम को बड़ा स्कोर खड़ा करने में दिक्कत हो रही है। गेंदबाजी विभाग में मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को रोकने के लिए अतिरिक्त प्रयासों की जरूरत है।

सिडनी टेस्ट के लिए संभावनाएं

सिडनी की पिच हमेशा स्पिनरों के लिए मददगार रही है। ऐसे में रविंद्र जडेजा और अश्विन की भूमिका अहम होगी। वहीं, बल्लेबाजी में विराट कोहली और शुभमन गिल से बड़ी पारी की उम्मीद की जा रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर ने टीम की रणनीति पर ज्यादा चर्चा नहीं की, लेकिन यह जरूर कहा कि टीम को मानसिक रूप से मजबूत रहने की जरूरत है।

नतीजे पर नजर

इस सीरीज का हर मैच निर्णायक होता जा रहा है। सिडनी टेस्ट भारतीय टीम के लिए सिर्फ जीतने का नहीं, बल्कि खुद को साबित करने का भी मौका है। गंभीर ने अपने अंतिम शब्दों में कहा, "हमारे पास प्रतिभा की कमी नहीं है। बस सही समय पर सही निर्णय लेने की जरूरत है।"

सिडनी टेस्ट से यह साफ होगा कि भारतीय टीम इन चुनौतियों से उबरकर एकजुट होकर प्रदर्शन कर पाएगी या नहीं। अब देखने की बारी है कि मैदान पर टीम की मेहनत और तैयारी कितनी कारगर साबित होती है।

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